लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ गृह विभाग की समीक्षा बैठक की।जिसमें उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिलों के दौरे करते समय मैने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में धार्मिक स्थलों पर फिर से लाउडस्पीकर लगने लगे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। इन्हें तत्काल हटवाया जाए। बेटियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले शोहदों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। ऐसे शोहदों की पहचान के लिए सक्रियता बढ़ाई जाए।

हर स्तर के फील्ड में तैनात अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें

सीएम योगी ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी, कर्मचारी जनसमस्याओं का निस्तारण तेजी से करें और जनता के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें। थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाएं। हर स्तर के फील्ड में तैनात अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, डीआईओएस, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी जैसे अधिकारी जनता से अपने कार्यालयों में बैठकर ही मिलें। कैंप कार्यालय की व्यवस्था केवल कार्यालय अवधि के बाद या अवकाश में ही है। उन्होंने कहा कि कई जिलों में विकास कार्यों की गति बेहद धीमी है। इसे तेज करें।

नशे के आदी पुलिसकर्मियों को फील्ड की जिम्मेदारी कतई न दी जाए

सीएम ने कहा कि प्रदेश में अवैध शराब का निर्माण, क्रय, विक्रय पूरी तरह से रोकें। इसके लिए पुख्ता सूचना जुटाकर अवैध शराब के ठिकानों पर छापे मारें। नशे के आदी पुलिसकर्मियों को फील्ड की जिम्मेदारी कतई न दी जाए। ऐसे लोगों को चिह्नित कर इनकी सेवाएं समाप्त की जानी चाहिए। जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाकर उनके सुझावों पर ध्यान दें। ध्वनि प्रदूषण रोकें। हर जिले की बड़ी नगर पालिका और नगर पंचायतों सेफ और स्मार्ट सिटी से जुड़ेगी।

अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड, रिक्शा स्टैंड चलाने वाले ठेकेदारों पर चाबुक चलाएं। जिला उद्योग बंधु की बैठकों में जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान स्वयं उपस्थित रहें।

सीसीटीवी कैमरों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाए

सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को स्मार्ट और सेफ सिटी बनाना है। सीसीटीवी कैमरों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाए। हर जिले के मुख्यालय के पास पहली बड़ी नगर पालिका और नगर पंचायतों को भी सेफ और स्मार्ट सिटी के अभियान से जोड़ें। 15 जून तक बाढ़ प्रबंधन तैयारियां को पूरा कर लें। गर्मी के चलते बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करें। कहीं भी पेयजल का संकट न हो।

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