एसएसयूपीन्यूज, बाराबंकी। अवैध मिट्टी खनन को लेकर पुलिस व प्रशासन की उदासीनता ने शनिवार को एक मजदूर की जान ले ली। जबकि मिट्टी में दबे दो मजदूरों को बचा लिया गया है। ग्रामीण इसके लिए सीधे क्षेत्रीय पुलिस को दोषी मान रहे हैं। खनन के दौरान मजदूरों के मिट्टी में दबते ही अवैध खनन में लगे लोग मौके से भाग खड़े हुए। मानवता के नाते भी इन लोगों ने मजदूरों को बचाने की जरूरत नहीं समझी। पुलिस जरूर खनन करने वालों को बचाने में जुट गई है।

पुलिस की सांठगांठ से हो रहा अवैध खनन

मामला असंद्रा थाना क्षेत्र के सूर्यपुर की है। यहां के निवासी सत्यनारायण रावत के खेत मे खनन माफिया द्वारा 2 दिनों से पुलिस की सांठगांठ से खनन कराया जा रहा था। शुक्रवार की देर रात से शुरू हुआ अवैध खनन शनिवार की भोर तक होता रहा। इस काम में कई मजदूर लगे थे। काफी गहराई तक हुए खनन के दौरान तीन मजदूर ऊपर से मिट्टी गिरने पर पलटी ट्राली में दब गए। इसमें थाना क्षेत्र के पूरे भवन निवासी अनुज कुमार उर्फ नानू व एक अन्य को बाहर सुरक्षित निकाल लिया गया।वही उमेश कुमार उर्फ भिखारी की मौत हो गई। हादसे के खनन में लगे मजदूर व माफिया मौके से ट्रैक्टर ट्राली छोड़कर फरार हो गए।

ग्रामीणों की सूचना पर हरकत में आई पुलिस

ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया । भोर हुई घटना के बाद सबसे पहले डायल-112 मौके पर पहुंची । उसके बाद असंद्रा पुलिस के पहुंचने पर ट्राली के नीचे दबे उमेश को बाहर निकाला जाता कि उसकी मौत हो चुकी थी । आनन-फानन में पुलिस ने मृतक के पिता से तहरीर लेकर खेत जाते समय हादसे में उमेश की मौत ट्रैक्टर ट्राली की चपेट में होने का राग अलापने लगी।जबकि सोशल मीडिया पर अवैध खनन और ट्राली के नीचे दबकर उमेश की मौत होने की सच्चाई बयां कर रहा है। थाना अध्यक्ष अमर चौरसिया ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मौत ट्रैक्टर ट्राली से हुए हादसे में हुई है।

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