एसएमयूपीन्यूज, ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया।प्रधानमंत्री मोदी ने 100वें एपिसोड के लिए देशवासियों को बधाई दी। पीएम ने कहा कि मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चीजों को कर पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करुं। आपके संदेशों को पढ़ने के बाद में काफी भावुक हुआ, भावनाओं में बह गया। आपने मुझे 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं कहता हूं कि बधाई के पात्र तो आप सभी ‘मन की बात’ के श्रोता हैं।

मैं देशवासियों के भावों को महसूस करता हूं

पीएम मोदी ने कहा कि जनभाव कोटि-कोटि जनों के साथ मेरे भाव अटूट विश्व का अंग बन गया। हर महीने मैं लोगों के हजारों संदेश पढ़ता हूं। मैं देशवासियों के भावों को महसूस करता हूं। मुझे लगता ही नहीं कि मैं आपसे थोड़ा भी दूर हूं। मेरे लिए मन की बात कार्यक्रम नहीं है। मेरे लिए यह आस्था, पूजा और व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं, तो प्रसाद लाते हैं। मेरे लिए मन की बात में आपके संदेश प्रसाद की तरह हैं। मेरे लिए मन की बात आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। यह अहम् से वयम् की यात्रा है।

मन की बात ने मुझे सामान्य मानव से जुड़ने का मौका दिया:पीएम

पीएम ने कहा कि जब मैं गुजरात का सीएम था, तब वहां सामान्य लोगों से मिलना जुलना हो ही जाता था। सीएम का कार्यकाल ऐसा ही होता है। लेकिन 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन काफी अलग हैं। दायित्व काफी अलग, स्थितियां-परिस्थितियां काफी अलग, सुरक्षा अलग। पहले कुछ दिन मैं काफी खाली-खाली महसूस करता था। 50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन देशवासियों से मेरा संपर्क खत्म हो जाएगा। मैं देशवासियों से कटकर नहीं जी सकता था। मन की बात ने मुझे सामान्य मानव से जुड़ने का मौका दिया।

मन की बात के जरिए जन आंदोलन ने लिया जन्म

पीएम ने कहा, मन की बात की एक और विशेषता रही है। मन की बात के जरिए कितने ही जन-आन्दोलन ने जन्म भी लिया है और गति भी पकड़ी है । समाज को प्रेरित करने का ऐसे ही बीड़ा प्रदीप सांगवान जी ने भी उठा रखा है | मन की बात में हमने प्रदीप सांगवान जी के हीलिंग हिमालयाज़ अभियान की चर्चा की थी।पीएम मोदी ने सेल्फी विद डॉटर अभियान का जिक्र करते हुए कहा, ये देश से लेकर विदेश में बहुत चला। ये सेल्फी का मुद्दा नहीं था ये बेटियों से जुड़ा था जिसमें लोगों ने बहुत शानदार तरीके से भाग लिया। इस अभियान का मकसद लोगों को जीवन में बेटी के महत्व को समझाना था।

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