लखनऊ । बारिश के कारण जिन किसानों की गेहूं की फसल खराब हो गयी है। ऐसे किसानों को परेशान हाेने की जरूरत नहीं है। चूंकि योगी सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। जिन किसानों की गेहूं खराब हो गए है उन्हें भी अब सरकार निर्धारित तय रेट पर ही खरीदने का काम करेंगी। इसके लिए बकायदा निर्देश भी जारी कर दिया गया है। यह उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है।

किसानों की समस्या को देखते हुए योगी सरकार ने लिया फैसला

जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक यूपी में सरकार द्वारा निर्धारित क्रय एजेंसियों द्वारा 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं खरीदने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में करीब 5674 क्रय केंद्र इसके लिए खोले गए हैं। ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्क्त का सामना न करना पड़े। चूंकि गेहूं की फसल तैयार होने के बाद मार्च माह में बारिश और ओला पड़ने से बड़े पैमाने में गेहूं खराब हो गया है। गेहूं सूख जाने वा चमक गायब होने के कारण उसे बेचने के लिए किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। चूंकि गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होने से क्रय केंद्र पर इसका कम रेट लग रहा था।

अब बिना किसी कटौती के खराब गेहं की भी होगी खरीद

किसानों की गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण क्रय केंद्र संचालक लेने में आनाकानी कर रहे थे। साथ ही रेट भी कम लगा रहे थे। किसानों की समस्या को देखते हुए योगी सरकार ने केंद्र से खराब गेहूं की खरीद भी बिना किसी कटौती के एसएसपी रेट पर खरीदने का अनुरोध किया था। जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब केंद्र के मानक के अनुसार अधिकतम 6 फीसदी सिकुड़े-टूटे दाने वाला गेहूं की एमएसपी पर खरीदा जा सकता है।

खाद्य एवं रसद विभाग ने जारी किया निर्देश

यूपी के खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त सौरभ बाबू ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा है कि शासन ने मौसम से खराब गेहूं के गुणवत्ता मानकों में छूट दे दी है। 80 प्रतिशत की सीमा तक चमकविहीन और 18 प्रतिशत तक की सीमा तक सिकुड़े व टूटे हुए दाने वाले गेहूं की खरीद बिना किसी कटौती के समर्थन मूल्य पर की जाएगी। मानक पूरे करने वाले गेहूं की खरीद भी यथावत जारी रहेगी। खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार, प्रदेश में अब तक 25531 किसानों से 1.15 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। किसानों के खातों में 187.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

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