लखनऊ । थाना गुडम्बा पुलिस टीम द्वारा वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगात्मक परीक्षा 2019 में शारीरिक मानक परीक्षा व शारीरिक दक्षता परीक्षण में दो परीक्षार्थियों को कूटरचना कर परीक्षा में सम्मिलित होने के अपराध में गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा इसी परीक्षा में सेंधमारी करने वाले गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश करते हुए साल्वर व सरगना को गिरफ्तार किया है।
फर्जी तरीक से परीक्षा में सम्मिलत होने पर दो को दबोचा
प्रभारी निरीक्षक गुडम्बा नितीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कालेज में हो रही वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगात्मक परीक्षा 2019 में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान शारीरिक मानक परीक्षा व शारीरिक दक्षता परीक्षण के समय दो अभ्यार्थियों के बायोमीट्रिक डाटा आइरिस स्कैन व फोटोग्राफ, का मिलान व सत्यापन उक्त अभ्यर्थी / व्यक्ति के लिखित परीक्षा के दौरान कैप्चर किये गये बायोमीट्रिक डाटा से नहीं हो सका। जिसके सम्बन्ध में आयोग द्वारा थाना गुडम्बा लखनऊ में दोनों परीक्षार्थियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पुलिस अब तफ्तीश कर आगे की जानकारी जुटाएगी
आरोप है कि परीक्षा के वक्त इन दोनों की जगह पर कोई शामिल था। हालांकि पुलिस ने जब दोनों ने पूछताछ की तो आरोपियों का कहना था कि परीक्षा में वही खुद शामिल हुए थे। बायोमैट्रिक का मिलान क्यों नहीं हो रहा नहीं पता। पुलिस अब तफ्तीश कर आगे की जानकारी जुटाएगी। हालांकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही हैं। पकड़े गए आरोपी अभ्यर्थियों के नाम सचिन यादव पुत्र भागवत यादव निवासी ग्राम देवनाथपुर तहसील हरनहीं थाना बांसगांव जनपद गोरखपुर तथा दूसरे का नाम नितेश कुमार यादव पुत्र कन्हैया लाल यादव निवासी ग्राम गौसपुर थाना मोहम्मदाबाद जिला गाजीपुर है। दोनों बेरोजगार हैं।
साल्वर व सरगना भी गिरफ्तार, आठ लाख में हुई थी डील
दूसरी तरफ एसटीएफ ने परीक्षा केंद्र से दौड़ में शामिल हो रहे नौझील, मथुरा निवासी विकास कुमार व केंद्र के बाहर मौजूद खुर्जा के मौजपुर निवासी उमेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। तफ्तीश में पता चला कि विकास कुमार 2022 बैच का दरोगा है और उसकी ट्रेनिंग चल रही है। वह लोकेश कुमार नाम के अभ्यर्थी की जगह दौड़ में शामिल होने आया था। एसटीएफ अब लोकेश की तलाश कर रही है। गिरफ्तार किया गया उमेश सॉल्वर गैंग का सरगना है। उसी ने विकास को लोकेश की जगह शामिल कराया था। इन दोनों की जांच के दौरान जानकारी मिली कि इनकी डील करीब आठ लाख रुपये में हुई थी।
इनके अपराध का तरीका
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि अभियुक्तगण द्वारा वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगात्मक परीक्षा 2019 में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान शारीरिक मानक परीक्षा व शारिरिक दक्षता परीक्षण के समय दो अभ्यार्थियों के बायोमीट्रिक डाटा आइरिस स्कैन व फोटोग्राफ, का मिलान व सत्यापन उक्त अभ्यर्थी / व्यक्ति के लिखित परीक्षा के दौरान कैप्चर किये गये बायोमीट्रिक डाटा से नहीं हो सका है। वहीं दूसरी तरफ एसटीएफ जांच में पता चला कि सल्वरों ने अभ्यर्थी से उमेश ने आठ लाख रुपये डील तय की थी। लिखित परीखा पास होने के बाद चार लाख रुपये ले लिए थे।
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