लखनऊ। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 22 प्रस्ताव लाये गये, जिसमें से कैबिनेट ने 21 प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। बैठक में नगर निकाय चुनाव को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को भी योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है।

मंत्रीपरिषद् की बैठक के बाद सरकार ने ये निर्णय लिया है। प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने लोकभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि निकाय चुनाव को लेकर पांच दिसंबर को अधिसूचना जारी हुई थी।

इसके बाद कुछ याचिकाएं उच्च न्यायालय में दाखिल की गयीं, जिस पर न्यायालय ने आरक्षण की प्रक्रिया को समर्पित आयोग बनाकर जांचने के आदेश दिये थे। सेवानिवृत न्यायमूर्ति रामअवतार सिंह की अध्यक्षता में हुआ था आयोग’ का गठन

उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर को उच्च न्यायालय का आदेश आया था, जिसके अगले ही दिन 28 दिसंबर को प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत न्यायमूर्ति रामअवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ‘उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग’ का गठन किया।

आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए छह माह का समय दिया गया था। आयोग ने आधे से भी कम समय में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इस रिपोर्ट को मंत्रीपरिषद् की ओर से स्वीकार कर लिया गया है।

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