फर्रुखाबाद। जूनोटिक एक संक्रामक बीमारी है और यह जानवर से इंसान में फैलती है। जूनोटिक रोग जनक जीवाणु, वायरस या परजीवी हो सकते हैं और सीधे संपर्क या भोजन, पानी या पर्यावरण के माध्यम से फैल सकते हैं। इसलिए इसके प्रति सभी को जागरूक होना बहुत जरूरी है। उक्त बातें जनपद फर्रुखाबाद में जूनोटिक समिति की बैठक में डॉ. यूसी वर्मा ने कहीं। उन्होंने लोगों से इसके प्रति जागरूकता फैलाने की अपील की।

मुंह से निकलने वाले लार में होते हैं विषाणु

डॉ वर्मा ने बताया कि पशु पक्षियों के साथ हमारे घनिष्ठ संबंधों के कारण हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है । जब हम किसी कुत्ते या बिल्ली को पालते हैं तो उसको सहलाते, नहलाते अपने साथ बिस्तर पर सुलाते हैं या अपने हाथों से खाना खिलाते हैं तो उनके मुंह से निकलने वाली लार में विषाणु होते हैं जो हमारे हाथों में लग जाती है और मुंह के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती है और हम बीमार हो जाते हैं। हम यह नहीं समझ पाते कि यह सब जानवरों से ही फैला है।

दूध निकालने के दौरान लोग हो जाते हैं इसके शिकार

डॉ वर्मा ने कहा कि रेबीज वायरस कुत्ते से मानव में, कोरोना का वायरस चमगादड़ से मानव में, प्लेग का वायरस चूहे से ऐसे ही अन्य कई रोग हैं जो जानवरों से मानव में फैलते है इससे बचने के लिए जितना बच सकें जानवरों से संपर्क में कम आएं। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि खेती बाड़ी करने वाले किसान अधिकतर अपने जानवरों के संपर्क में आते हैं साथ ही जो लोग डेयरी उद्योग चलाते हैं तो रोज ही जानवरों को खाना खिलाते हैं दूध निकालते हैं जिससे लोग जूनोटिक रोग का शिकार हो जाते हैं।

टीकाकरण इसे रोकने में सौ प्रतिशत सहायक

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया कि ज़ूनोसिस कोई भी बीमारी या संक्रमण है जो स्वभाव से भिन्न पशुओं में अलग-अलग होता है। कुछ जूनोज, जैसे रेबीज़, टीकाकरण और अन्य विधियों से 100 प्रतिशत रोका जा सकता है।डॉ माथुर ने बताया कि जुनोज में सभी नए संक्रामक प्रभावों के साथ-साथ कई मौजूदा संक्रामक प्रभावों का एक बड़ा प्रतिशत शामिल है। कुछ बीमारियां, जैसे कि एचआईवी, ज़ूनोसिस के रूप में शुरू होती हैं, लेकिन बाद में मानव-मात्र में बदल जाती हैं। कोरोना वायरस जो कोविड-19 का कारण बनता है, वैश्विक महामारी पैदा करने की क्षमता रखता है।

पशु से संपर्क आने के बाद स्नान करना न भूले

जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ रणधीर सिंह ने बताया कि इन रोगों से बचा जा सकता है जब हम इनके संपर्क में आते हैं तो स्नान करना चाहिए। साथ ही अपने हाथों को साबुन से खूब रगड़ रगड़ कर बहते हुए पानी में धोएं । जिससे आपके हाथों में चिपके हुए वायरस वह जाते हैं और हम संक्रमण से बच जाते हैं। इस प्रकार से इन सावधानियों को अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *