लखनऊ/ वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हैं। पीएम ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वन वर्ल्ड टीबी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि टीबी बीमारी के खिलाफ हमारे संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी। पीएम ने कहा हमने टीबी से लड़ने के लिए लोगों को नि-क्षय मंत्र बनने का कहा।

काशी नगरी, वो शाश्वत धारा है, जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है।  कुछ समय पहले ही भारत ने वन अर्थ वहन हेल्थ के विजन को भी आगे बढ़ाने की पहल की है और अब वन वर्ल्ड टीबी समिट के जरिए भारत एक और संकल्प को पूरा कर रहा है। टीबी के खिलाफ लड़ाई में, भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो जनभागीदारी है।

भारत ने टीबी के खिलाफ अनेक मोर्चों पर एक साथ काम किया

पीएम ने कहा, 9 साल में भारत ने टीबी के खिलाफ अनेक मोर्चों पर एक साथ काम किया। जैसे जन भागीदारी, पोषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीक का भरपूर इस्तेमाल, अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देने वाले खेलो इंडिया, योग को बढ़ावा दिया। भारत ने टीबी के खिलाफ जन भागीदारी अभियान बहुत यूनिक तरीके से चलाया। दूसरे देशों से आए हमारे अतिथियों के लिए यह जानना काफी दिलचस्प होगा।

इस अभियान के बाद करीब 10 लाख टीबी मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने गोद लिया है। 10-12 साल के बच्चे भी निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं। कितने ही बच्चों ने अपना पिगी बैंक तोड़कर टीबी मरीजों को गोद लिया है। टीबी मरीजों के लिए निक्षय मित्रों का यह आर्थिक सहयोग एक हजार करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया है।

मोदी ने इस दौरान गांधी जी से जुड़ी एक कहानी भी सुनाई

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की वसुधैव कुटुंबकम की भावना है। इसलिए भारत ने जी-20 थीम का नाम वन वर्ल्ड, वन फैमिली, वन फ्यूचर रखा है।इससे पहले, पीएम ने संबोधन की शुरुआत हर-हर महादेव से की। इस कार्यक्रम में 40 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं। पीएम ने इस दौरान गांधी जी से जुड़ी एक कहानी भी सुनाई।कहा, एक बार गांधीजी को लेप्रेसी के अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया।

उन्होंने कहा कि जब आप लोग इस अस्पताल को बंद कराने के लिए बुलाएंगे तो मुझे खुशी होगी। 2001 में जब गुजरात के लोगों ने मुझे सेवा का अवसर दिया तो मुझे लगा कि गांधीजी का एक काम अधूरा है। तब लेप्रेसी के खिलाफ हमने अभियान चलाया। 2007 में लेप्रेसी के उस अस्पताल में ताला लग गया। बीमारी की रेट 23 प्रतिशत से कम होकर एक एक से पहुंच गई।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में बन रहा समर्थ : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में 2 लाख 70 हजार टीबी मरीजों को सरकारी स्तर पर गोद लेने का काम हुआ है, जिसमें से 70 प्रतिशत मरीज आज रोगमुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। प्रदेश के टीबी रोगियों को पोषण सहायता के लिए प्रदेश सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से अबतक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है। हम यूपी की 25 करोड़ की आबादी को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतत्व में भारत आज हर क्षेत्र में समर्थ बनकर उभरा है। बीते छह साल में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में सभी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ उत्तर प्रदेश में लागू किया गया है।

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