भदोही। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि एक दो माह में अल नीनो के सक्रिय होने के साथ ही पूरी दुनिया में गर्मी बढ़ जाएगी। खासतौर पर भारत जैसे देशों में गर्मी प्रचंड रूप धारण कर लेंगी। डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस ने बताया कि दुनिया जल्द ही अल नीनो की स्थिति में जाने वाली है, इससे वैश्विक तापमान में तीव्र वृद्धि होगी। तालस ने बताया कि बीते आठ वर्ष से जारी ट्रिपल डिप ला नीना अब खत्म होने वाला है, जिसकी वजह से बढ़ते वैश्विक तापमान पर एक अस्थायी ब्रेक लगा हुआ। मौजूदा ला -नीना सितंबर 2020 से बना हुआ है।
अल नीनो क्या है, जानिए
उष्ण कटिबंधीय प्रशांत के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में होने वाले परिवर्तन के लिए जिम्मेदार समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है। इस बदलाव की वजह से समुद्र सतह का तापमान अधिक हो सकता है और प्रशांत महासागर और उसके ऊपर के वातावरण की सामान्य स्थिति में बदलाव आने पर यह परिघटनाएं घटित होती है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में मध्य व पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री अधिक सेल्सियस होने पर अल नीनो की स्थिति बनती है।
ला नीना के बारे में जानिए
भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर क्षेत्र के सहत पर निम्न हवा का दबाव बनने पर ला नीना की स्थिति बनती है। यह एक प्रतिसागरीय धारा होती है। यह पश्चिमी प्रशांत महासागर में तब उत्पन्न होती है, जब पूर्वी प्रशांत महासागर में अल नीनो का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इससे समुद्री सतह का तापमान कम हो जाता है।निना में तेज व्यापारिक पवनें अमेरिका के पश्चिमी तट से गर्म पानी एशिया की तरफ धकेलती है, जिससे समुद्र के नीचे का ठंडा पानी सतह पर आने लगता है। इससे वैश्विक तापमान में कमी आती है।