लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रदेश में कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा की स्थिति का आकलन करने के लिए टीम-09 के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की। बैठक में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक संबंधी तैयारी, टीकाकरण अभियान की स्थिति, कोविड-19 के नए वेरिएंट और इन्फ्लुएंजा के वेरिएंट का संक्रमण से बचाव और आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

सतर्कता और सुरक्षा के दृष्टिगत इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत

विगत 07 दिनों में प्रदेश में लगभग 02 लाख 20 हजार टेस्ट किए गए और 265 कोविड पॉजिटिव मरीज पाए गए। प्रदेश में प्रति 10 लाख की आबादी पर 01 कोविड पॉजिटिव मरीज है। वर्तमान में 262 एक्टिव केस हैं और किसी की स्थिति गंभीर नहीं है। वर्तमान में देश में किए जा रहे कुल कोविड टेस्ट का 35-40 प्रतिशत टेस्ट उत्तर प्रदेश में हो रहा है। सतर्कता और सुरक्षा के दृष्टिगत इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है।बीते सप्ताह के परिणाम बताते हैं कि लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में सर्वाधिक केस मिले हैं। यहां विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। लखीमपुर के एक विद्यालय में पॉजिटिव पाई गई सभी लोगों की स्थिति ठीक है।

आने वाले दिनों में लोगों का धार्मिक स्थलों पर बढ़ेगा आवागमन

सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकरण से सुरक्षित है। सर्वाधिक टीकाकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है। ऐसे में किसी बड़े खतरे की आशंका न्यून है। आगामी दिनों के मंदिरों व अन्य धर्मस्थलों में लोगों का आवागमन बढ़ेगा। ऐसे में संक्रमण प्रसार की संभावना हो सकती है। ऐसे में गंभीर रोग से ग्रस्त, वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन से यथासंभव बचने का प्रयास करें। यदि जाएं तो मास्क लगाकर ही जाएं। इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।

कोविड से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश में सभी संसाधन उपलब्ध

कोविड से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश में सभी संसाधन उपलब्ध हैं। देश में बढ़ते केस को देखते हुए तत्काल सभी 75 जिलों में कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल चिन्हित किए जाएं। विगत वर्ष स्थापित सभी ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हों। अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर एक्टिव हों। पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो। जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की जाए।

इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जाए

कोविड के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जाए। आगामी 11-12 अप्रैल को पूरे प्रदेश में अस्पतालों में मॉक ड्रिल करते हुए अपनी तैयारियों की परख की जाए। प्रतिवर्ष अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ विशेष अभियान संचालित होता है। इस वर्ष 01 अप्रैल से इसका नवीन चरण प्रारंभ हो रहा है। अभियान को प्रभावी बनाना सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है।

संचारी रोग अभियान में शामिल हो जनप्रतिनिधि

सतत, समन्वित प्रयासों से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों के नामांकन में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। इस वर्ष आगामी 01 अप्रैल से प्रदेशव्यापी ‘स्कूल चलो अभियान’ प्रारंभ किया जा रहा है। संचारी रोग अभियान की भांति इस स्कूल चलो अभियान में सांसद, विधायक, जिला/क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान सहित हर जनप्रतिनिधि की होगी सहभगिता सुनिश्चित की जाए।

रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों और वाहन पार्किंग स्टैंड के लिए स्थान चिन्हित हों

बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या है। इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। ऐसे स्टैंड पर अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों और वाहन पार्किंग स्टैंड के लिए स्थान चिन्हित हों। रास्ता जाम कर स्टैंड न बनाये जाएं।

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