सम्भल । उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी इलाके में बड़ा हादसा हो गया। आलू कोल्ड स्टोरेज की छत गिरने से दस लोगों की मौत हो गई है, 14 लोग घायल हो गए हैं और कुछ अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। अब तक एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने 11 लोगों को बचाया है। मजदूरों के परिजनों ने शीतगृह संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। गुस्साएं लोगों ने संचालक के केबिन में तोड़फोड़ शुरू कर दी। अधिकारियों ने राहत कार्य को प्राथमिकता बताते हुए लोगों को शांत किया।

बचावकर्मी अभी भी दबे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं : शलभ माथुर

पुलिस उप महानिरीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि शाम तक 11 लोगों को बचा लिया गया था। बचावकर्मी अभी भी दूसरों को सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और जिला प्रशासन के कर्मी राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं।

स्टोरेज के मालिकों पर केस दर्ज

पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने पहले कहा था कि मलबे में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। डीआईजी ने कहा कि मरने वालों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। डीआईजी ने कहा कि घटना के बाद कोल्ड स्टोरेज के मालिक अंकुर अग्रवाल और रोहित अग्रवाल के खिलाफ लापरवाही से मौत (304 ए आईपीसी) का मामला दर्ज किया गया है।

कोल्ड स्टोरेज में निर्धारित क्षमता से अधिक थी आलू

उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज का जो हिस्सा गुरुवार को ढह गया, वह प्रशासन की आवश्यक अनुमति के बिना केवल तीन महीने पहले बनाया गया था और वहां रखे गए आलू की मात्रा कोल्ड स्टोरेज की निर्धारित क्षमता से अधिक थी। एसडीएम चंदौसी रामकेश धामा ने बताया कि माई गांव के इस्लाम नगर रोड स्थित एआर कोल्ड स्टोरेज की छत ढह गई।

सीएम ने तत्काल बचाव कार्य का दिया निर्देश

सीएम कार्यालय ने ट्वीट किया कि संभल के चंदौसी जिले में कोल्ड स्टोरेज में हुए हादसे को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर पहुंचकर तत्काल राहत और बचाव कार्य करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री योगी इस हादसे पर दुख जताते हुए मुआवजे का एलान कर दिया है। हादसे में मरने वालों को परिजनों को दो-दो लाख रुपए देने का एलान किया गया है।

घायलों की मदद के लिए दर्जन से अधिक डॉक्टर मौके पर मौजूद

मुख्य चिकित्सा अधिकारी तरन्नुम रजा ने बताया कि घायलों की मदद के लिए 15-20 एंबुलेंस और आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर मौके पर मौजूद हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने बताया कि मलबा हटाने के लिए करीब छह उत्खननकर्ताओं को काम पर लगाया गया है।

अंदर फंसे लोग चिल्लाकर बचाव दल को कर रहे सतर्क

डीआईजी ने कहा कि अभी भी अंदर फंसे कुछ लोग चिल्लाकर बचाव दल को सतर्क कर रहे हैं। कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस सिलेंडर होने के कारण बचाव कार्य करते समय अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। देर रात तक चलने वाले अभियान के लिए अतिरिक्त रोशनी की व्यवस्था की गई है।

मृतकों और घायलों का ब्योरा

गांव एतोल निवासी रोहताश उर्फ टीटी (28), बर्रई गांव के राकेश (30) और इश्तियाक (30) निवासी मई की मौत हो गई। दो मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। महेश (30), सूरज (30), किशोरी (26), भूरे (26) निवासी एतोल, राममोहन (32), प्रेम (27) निवासी कैथल, मनोज (28) निवासी बर्रई, रूप सिंह (35), अरुण (30) निवासी रामनगर, राजेंद्र (30) निवासी बर्रई घायल हैं। गंभीर घायलों को मुरादाबाद के टीएमयू में भर्ती कराया गया है।

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