सीतापुर जिलाधिकारी अनुज सिंह मंगलवार को जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। डीएम के अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। डीएम ने इमरजेंसी, इमरजेंसी वार्ड, आर्थो विभाग, महिला वार्ड, चिल्ड्रेन वार्ड, मेडिकल वार्ड, एनआरसी वार्ड, पीआईसीयू वार्ड, एक्सरे कक्ष, अल्ट्रासाउण्ड कक्ष, सिटी स्कैन कक्ष, सर्जिकल वार्ड आदि वार्डों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।

चिकित्सक का मोबाइल नम्बर डिस्प्ले बोर्ड पर अंकित होना चाहिये

जिलाधिकारी ने इमरजेंसी वार्ड में मरीजों से वार्ता करते हुये उनका हालचाल की जानकारी करते हुये चिकित्सकों को निर्देश दिये कि बेडशीट की कलरकोडिंग मानक के अनुसार ही हो तथा जिस दिन जिस चिकित्सक की ड्यूटी हो उसका नाम व मोबाइल नम्बर डिस्प्ले बोर्ड पर अंकित होना चाहिये। साथ ही इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत कर्मचारियों से स्टाफ की जानकारी भी ली। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली तथा आर्थों विभाग में होर्डिंग एरिया बनाने के निर्देश दिये ताकि कोई भी मरीज अनावश्यक बाहर न बैठे। मरीजों को आयुष्मान कार्ड की जानकारी निरन्तर देते रहें ताकि उनको इसके लाभ के बारे में जानकारी मिल सके।

महिलाओं ने खाने की गुणवत्ता पर उठाया सवाल

महिला वार्ड के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने वार्ड में भर्ती महिलाओं से वार्ता कर उनकी समस्या से अवगत हुये एवं महिलाओं द्वारा खाने की खराब गुणवत्ता की शिकायत को संज्ञान में लेते हुये संबंधित को निर्देश दिये कि खाने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये। मेडिकल वार्ड पहुंचकर उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिये कि अनावश्यक वस्तुओं को वार्डों से हटा दिया जाये तथा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये। चिल्ड्रेन वार्ड में बच्चों की माताओं से वार्ता करते हुये बच्चों की बीमारी की जानकारी ली तथा संबंधित चिकित्सक को निर्देश दिये कि वह सभी माताओं को जागरूक करें कि यदि बच्चा बीमार हो तो प्राथमिक उपचार के लिये क्या करें।

बच्चों के बेडशीट के नीचे प्लास्टिक की शीट बिछाने का दिया निर्देश

जिलाधिकारी ने एनआरसी वार्ड का चिकित्सकों को निर्देश दिये कि भर्ती हुये बच्चों की बेडशीट पर प्लास्टिक की शीट बिछा दें ताकि बेडशीट खराब न होने पाये, जिससे बेडशीट बार-बार बदलनी न पड़े। इसी प्रकार उन्होंने एक्सरे कक्ष, सिटी स्कैन कक्ष की जानकारी करते हुये संबंधित चिकित्सक से जानकारी ली कि मरीजों को जांच कराने हेतु कितना इंतजार करना पड़ता है और प्रतिदिन कितनी जांचें की जाती हैं। उन्होंने सभी तीमारदारों से कहा कि अपने छोटे बच्चों को चिकित्सालय लेकर न आयें, इससे बच्चों को बीमार होने का खतरा बना रहता है।निरीक्षण उपजिलाधिकारी सदर गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह सहित सं

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