पाकिस्तान इन दिनों भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है।बेतहाशा बढ़ती महंगाई के कारण वहां के लोगों की हालत बद से बदतर होते जा रही है। महंगाई से कमर टूट चुकी पाकिस्तान की आम जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। आलम ये है कि आम आदमी की रसोई से अब दूध भी दूर होती दिख रही है। दरअसल यहां पर दूध के दाम 210 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं। ऐसे में लोगों का अब वहां पर जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।
किचन से दूध हो रहा दूर
पाकिस्तान में हर रोज महंगाई एक नया रिकॉर्ड कायम कर रही है। उपभोक्ताओं को दूध और चिकन सहित दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए गंभीर कीमतों का सामना करना पड़ रहा है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दुकानदारों ने खुले दूध की कीमत 190 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 210 पाकिस्तानी रुपये कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले तक चिकन की कीमत 620 रुपये से लेकर 650 रुपये प्रति किलोग्राम थी लेकिन अब मुर्गे का मांस 700 रुपए से 780 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है। वहीं, बोनलेस चिकन 150-200 रुपये प्रति किलोग्राम की छलांग दिखाते हुए 1,000-1,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।बोनलेस पोल्ट्री मीट का रेट भी बढ़ाया गया है। वर्तमान में 900-1,000 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि हड्डियों वाले मांस की कीमत 800-850 रुपये प्रति किलो हो गई है।
पेट्रोल को लेकर भी मचा है हाहाकार,15 तक पेट्रोल संकट की आशंका
पाकिस्तान में पेट्रोल को लेकर हाहाकार मचा है। यहां 15 फरवरी तक पेट्रोल संकट की आशंका है। पिछले शुक्रवार को पाकिस्तान की रिफाइनरियों ने फरवरी के मध्य तक पेट्रोल संकट की चेतावनी दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब प्रांत के शहरों में कई पेट्रोल पंपों बंद कर दिए गए हैं। लाहौर, गुजरांवाला और फैसलाबाद में स्थिति बेहद खराब है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर के 450 पेट्रोल पंपों में से करीबन 70 पेट्रोल पंप पूरी तरह से सूखे पड़े हुए हैं। इससे पहले शाहदरा, वाघा, लिटन रोड और जैन मंदार के पेट्रोल पंप बंद किए गए थे।
आईएमएफ की सख्त शर्ते के आगे पाकिस्तान मजबूर
कहा जा रहा है कि 1975 के बाद के महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। गंभीर आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान आईएमएफ से भीख मांग रहा है। ताकि वो महंगाई पर काबू पा सके, लेकिन आईएमएफ की शर्ते इतनी सख्त हो गई हैं कि अब पाकिस्तान को लोन तो मिलना मुश्किल हो गया है।आईएमएफ ने लोन देने को लेकर जो शर्तें रखी हैं, उनमें सब्सिडी खत्म करना भी शामिल है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान सब्सिडी को कम करे और अपने राजस्व में बढ़ोतरी करे। आईएमएफ स्थायी राजस्व उपायों पर जोर दे रहा है, जिसमें जीएसटी को 17 से बढ़ाकर 18 फीसदी करना, पेट्रोलियम तेल उत्पादों पर जीएसटी लगाना जैसे उपाय शामिल हैं