वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। इसको लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब लोग अलग-अलग तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। हाईकोर्ट लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार शर्मा ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में अधिवक्ताओं के लिए कोई खास स्थान नहीं दिया गया है अधिवक्ता बंधुओं को खासकर निराशा लगी है कल्याण को लेकर सरकार ने अपने बजट में कुछ भी खास नहीं किया है हां यह जरूर कहा जा सकता है कि आम लोगों को कुछ ना कुछ लॉलीपॉप देने की कोशिश की गई है।

दवा व्यवसाई और भाजपा चिनहत मंडल अध्यक्ष कमल पांडे ने कहा कि सप्तर्षि बजट,आत्मनिर्भर भारत का बजट, विकसित भारत बनाने का बजट, सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास का बजट है। एक ऐसा बजट कि जिसने विपक्ष की बोलती बंद कर दी है।एक विपक्षी सांसद ने भी मेज़ थपथपाई उसे विपक्षी रोकते दिखाई दिए। भारत के इतिहास का पहला इतना प्रभावशाली बजट है। समृद्ध और गौरवशाली भारत का रास्ता बनाने वाला बजट यह बजट है।

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट ,देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक और मजबूत कदम है। टैक्स स्लैब में परिवर्तन किए जाने से सभी आयकर दाताओं को लाभ होगा। आम आदमी की क्रय क्षमता बढ़ेगी तो व्यापार एवं उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।व्यापारियों को सीधे तौर पर कुछ नहीं मिला है। आदर्श व्यापार मंडल ने वित्त मंत्री से अनुपूरक बजट में व्यापारियों की मांगों को पूरा करने की मांग की।

सर्राफा व्यापारी राजेश सोनी कहा कि ये बजट गरीब, किसान, नौजवान व्यापारी विरोधी बजट है, सिर्फ और सिर्फ जनता को निराश किया गया है, व्यापारी वर्ग को कोई भी सहूलियत नहीं दी गई है, झूठी उम्मीदों वाला बजट है, देश को आर्थिक रूप से और अधिक कमज़ोर करेगा ये बजट।

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