वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। इस बजट को इसलिए खास माना जा रहा था। क्योंकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी है। बजट में सरकार हर वर्ग को खुश करने में जुटी रही। आयकर में मिले छूट को हर वर्ग ने सहारा। अधिकतर लोगों ने बजट को समावेशी बजट करार दिया। कहा कि इस बजट में यह ध्यान दिया गया है कि कोई वर्ग असंतुष्ट न रहे। सरकार ने सात लाख की सालाना आमदनी को टैक्स में छूट देकर आम आदमी को राहत पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन दोहरी टैक्स नीति चालू रखने को लेकर लोगों में उलझन है।
डॉ महेंद्र त्रिपाठी असिस्टेंट प्रोफेसर ( अर्थशास्त्र) केएनपीजी काॅलेज ज्ञानपुर ने बताया कि वित्तमंत्री ने कोरोना से दुष्प्रभावित कारोबारियों को एक राहत हुए एमएसएई को सशक्त करने का प्रावधान में घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि और कपड़ों पर उत्पाद शुल्क में कमी आई है। एग्रा स्टार्टअप , जैविक खेती , मोटे अनाज , मत्स्य संपदा और ग्रीन एनर्जी में निवेश को बढ़ावा दिया गया है। जो भविष्य में आम आदमी , कृषि और पर्यावरण सभी की सेहत सुधारेगा। बजट में जीडीपी का 4.5 फीसदी हिस्सा पूंजीगत व्यय फल आवंटित किया गया है। लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने और राजकोषीय अनुशासन में संतुलन बनाने का प्रयास करते हुए सभी वर्गों को राहत देने का प्रयास है।
कपड़ा व्यापारी शिवम शुक्ला ने बताया कि कल बजट आने से कपड़ा में जो छूट दिया गया है। उसके निश्चित रूप से कपड़ा के रेट में कमी मिलेगी जिसका सीधा लाभ ग्राहक तक पहुंचेगा। जिससे काफी व्यापार में बढ़ोतरी होगी। यह वित्त मंत्री का सराहनीय कदम है।
ज्ञानपुर की अनुराधा मौर्या ने बताया कि बजट -2023 में महिलाओं के लिए महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू हो गई है। जो काफी खास है। इस स्कीम के तहत सरकार 2 लाख के बचत पर 7.5 फीसदी ब्याज दे रही है। इससे महिलाएं बचत की ओर आकषिर्त होंगी
सरार्फा कारोबारी आनन्द सोनी ने कहा कि 2023 का बजट सोने चांदी के बढ़ते कीमत से बजार में ग्राहक एकदम गायब से होने लगे हैं। सरकार बजट में सोने चांदी पर टैक्स बढ़ाकर सरार्फा कारोबारियों को रोड पर कर दी है। जिससे काफी नुकसान हो रहा है।