मिर्जापुर । उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के राजगढ़ थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय करौंदा में पढ़ने गए दर्जनों बच्चों की जेट्रोफा का फल खाने से हालत बिगड़ गई। इससे अभिभावकों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर सभी बच्चों का इलाज चल रहा है। बताते चलें कि सभी बच्चे छुट्टी के बाद घर वापस लौटते समय जेट्रोफा का फल खा लिए। जिससे घर पहुंचते ही लगभग डेढ़ दर्जन बच्चों की हालत बिगड़ गई। सूचना मिलते ही राजगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक राणा प्रताप यादव सीएचसी राजगढ़ में भर्ती बच्चों का निरीक्षण किए तथा विद्यालय परिसर में जेट्रोफा के पौधों का भी निरीक्षण किया।
स्कूल परिसर में ही लगा है जेट्रोफा का पौधा
क्षेत्र के करौंदा गांव में प्राथमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र एक ही परिसर में बनाया गया है। जिसमें सैकड़ों की संख्या में प्रत्येक दिन बच्चे पढ़ने जाते हैं। सोमवार को विद्यालय की छुट्टी होने के बाद बच्चों को घर भेज कर अध्यापक विद्यालय से अपने घर चले गए। परंतु जल निगम का कार्य कर रहे कुछ लोग विद्यालय परिसर में ही रहते हैं। जिससे विद्यालय का मुख्य गेट खुला रहता है। वहीं विद्यालय परिसर में जेट्रोफा का पौधा भी लगाया गया है। जिसमें फल लगे हुए हैं।विद्यालय से अध्यापकों के जाने के बाद आर्या 5 वर्ष,रिया 3 वर्ष, शिवांगी 4 वर्ष, आंचल 6 वर्ष,करण 7 वर्ष, उत्तरांचल 9 वर्ष पूर्वांचल 10 वर्ष,संदीप 6 वर्ष, इंदु 10 वर्ष, रंजीत 8 वर्ष, बंदना 9 वर्ष,प्रीति 7 वर्ष, खुशी 6 वर्ष, रोहित 7 वर्ष सहित डेढ़ दर्जन बच्चे पुनः विद्यालय में घुस गए और जेट्रोफा का फल खा लिए तथा स्कूल बैग में भरकर घर भी ले गए।
घर पहुंचने के बाद बच्चों की बिगड़ी हालत
घर पहुंचने के कुछ देर बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई। एक ही बस्ती के लगभग डेढ़ दर्जन बच्चों की हालत बिगड़ने पर परिजन घबरा गए। जिसे बस्ती में अफरा-तफरी मच गई। परिजनों द्वारा पूछताछ किये जाने पर बच्चों ने बैग में रखा जेट्रोफा का फल दिखाते हुए उसे खाने की बात कही।जिसपर परिजन आनन-फानन में सभी बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ में भर्ती कराया।जहां बच्चों का इलाज किया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय करौंदा के प्रधानाचार्य संजय सिंह ने बताया की विद्यालय परिसर में उगे जेट्रोफा के पौधों को कटवाने के लिए ग्राम प्रधान से कई बार कहा गया। परंतु ग्राम प्रधान द्वारा उसे नहीं करवाया गया और विद्यालय परिसर में सफाई के लिए सफाई कर्मी भी कभी दिखाई नहीं देते। जिसे विद्यालय परिसर में काफी झाड़ियां हो गई है।