सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में अन्याय, अत्याचार चरम पर है। प्रशासन पूरी तरह बेरहम और अमानवीय हो चला है। हर जिले में उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि कानपुर देहात के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी के नेताओं को रोकना सरकार की मंशा को उजागर करता है। सरकार शासन प्रशासन भय और उत्पीड़न की प्रतीक बन गई। भाजपा सरकार का अंत बहुत ही निकट है। आगामी चुनाव में जनता उसकेकर्मो का फल देगी। उन्होंने कहा कि महंगाई से तड़प रही जनता अब उत्पीड़न से परेशान हैं।

सपा आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार में दलितों, पिछड़ों ही नहीं बल्कि ब्राह्मणों का भी लगातार उत्पीड़न हो रहा है। कानपुर की घटना का जिक्र करते हुए पार्टी के ब्राह्मण नेताओं को निर्देश दिया गया है कि जहां भी उत्पीड़न की घटना हो, मौकेपर जाएं। पूरे मामले की जांच करें। प्रदेश मुख्यालय को रिपोर्ट दें। साथ ही अपने जिलों के अन्य ब्राह्मण नेताओं को एकजुट कर सरकार की तानाशाही के खिलाफ आंदोलन शुरू करें।

मृतकों के परिजनों को सरकार मुआवजा और सरकारी नौकरी दे : उत्तम पटेल


प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर जहां भी उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं,वहां पार्टी का प्रतिनिधि मंडल निरंतर पहुंच रहा है। आम लोगों का उत्पीड़न हो या पार्टी कार्यकर्ता का। हर जगह प्रतिनिधि मंडल जाकर पूरे मामले की जांच कर रहा है। इस जांच रिपोर्ट से राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराया जा रहा है। कानपुर देहात की घटना की निंदा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि बुलडोजर कार्रवाई के दौरान जिंदा जला कर मां – बेटी की मौत की घटना सरकारी तंत्र की निरंकुशता का प्रमाण दे रही है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि इस कांड के आरोपी डीएम, एसडीएम और लेखपाल पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो। मृतकों के परिजनों को सरकार पर्याप्त एवं उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दे।

बुलडोजर एक्शन के दौरान जिन्दा जली मां-बेटी, प्रदेश की सियासत गर्म

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले से दिल दहला देने वाली एक घटना हुई है। यहां अतिक्रमण हटाने पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने एक परिवार की झोपड़ी पर बुलडोजर चलवाया। इस दौरान झोपड़ी में जलकर मां- बेटी की मौत हो गई। इस मामले में सियासत तेज होती जा रही है। एक तरफ विपक्षी दलों ने इस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार पर कई तरह के सवाल उठाये हैं, वहीं आम सोशल मीडिया यूज़र्स भी सरकार पर निशाना साधा रहे हैं।

परिवार ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

इस मामले ने परिवार ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हुए कहा कि पुलिस ने झोपड़ी में आग लगाई थी, जिस कारण दोनों महिलाओं की मौत हो गई। परिवार के आरोप के आधार पर पुलिस ने बुलडोजर ऑपरेटर, सबडिविजनल मजिस्ट्रेट और स्टेशन हाउस ऑफिसर के खिलाफ हत्या की कोशिश और जानबूझकर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।

शिवपाल सिंह यादव ने सरकार पर बोला हमला

इस मामले पर सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,”कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशा देखती रही। अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में प्रशासन आखिर अपना होश क्यों खो रहा है। क्या ‘ महिला सशक्तिकरण’ व ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात केवल कागजी नीति है?” समाजवादी पार्टी ने लिखा कि योगी आदित्यनाथ सरकार में ब्राह्मण परिवारों को निशाना बनाया जाता है और ऐसी घटनाएं चुनिंदा तरीके से हो रही हैं। दलितों और पिछड़ों की तरह ब्राह्मण भी योगी सरकार के अत्याचारों के निशाने पर हैं।

कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा कि ये तस्वीर कानपुर के लाचार कृष्ण गोपाल दीक्षित की है जिनकी बेटी और पत्नी ने अपनी झोपड़ी बचाने के लिये ख़ुद को ज़िंदा जला लिया। क्या अमृतकाल एैसा होता है। बुलडोज़र तंत्र देश के लोकतंत्र और संविधान को कुचल रहा है, बुलडोज़र का जश्न मनाने वालों के मुंह पर तमाचा है ये तस्वीर।

सोशल मीडिया पर भड़के लोग

फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने लिखा,”भयावह बुलडोज़र चलता रहा, प्रमिला दीक्षित जलती रही। बुलडोज़र चलता रहा नेहा दीक्षित जलती रही। ये हत्या है .. हत्या।” पत्रकार हिमांशु मिश्रा ने कमेंट किया- कानपुर देहात की डीएम साहिबा, एसएसपी को ये आग में ख़ाक हो चुकी दो लाशों और उस झोपड़ी की तस्वीर भेंट करनी चाहिए… जिसे तबाह करने के लिए इनके अफ़सरों ने ज़बर्दस्त उत्साह दिखाई। बधाई हो मैडम।

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