आखिरकार खेलमंत्री के तमाम प्रयास के बाद जंतर-मंतर पर चल रहा पहलवानों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार देर रात समाप्त हो गया। यह निर्णय रात में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हुई बैठक के बाद आश्वासन मिलने पर पहलवानों द्वारा लिया गया। वहीं पहलवानों की शिकायतों के समाधान के पहले कदम के तहत भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। पहलवानों का धरना-प्रदर्शन 18 जनवरी से चल रहा था।

जांच पूरी होने तक संघ से दूर रहेंगे डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह

भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से देर रात बैठक की। करीब 7 घंटे चली बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुराग ठाकुर ने बताया कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष जांच पूरी होने तक दैनिक कामों से अलग रहेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। अनुराग ठाकुर ने बताया कि पहलवानों ने कुश्ती संघ पर जो आरोप लगाए हैं उसे सरकार ने गंभीरता से सुना है। खिलाड़ियों के आरोपों के बाद कुश्ती महासंघ को नोटिस भेजकर 72 घंटों के अंदर जवाब मांगा गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों ने कई अहम सुझाव भी दिए हैं जिन पर सरकार विचार करेगी।

जांच के लिए एक निगरानी समिति बनाने का फैसला

पहलवानों के साथ बैठक के बाद खेल मंत्री ने बताया, मामले की जांच के लिए एक निगरानी समिति बनाने का फैसला किया गया है, जिसके सदस्यों के नामों की घोषणा 21 जनवरी को की जाएगी। समिति चार हफ्ते में जांच पूरी करेगी। वह डब्ल्यूएफआई और इसके अध्यक्ष के खिलाफ वित्तीय या यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों की गंभीरता से जांच करेगी। जांच पूरी होने तक बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती संघ से अलग रहेंगे और जांच में सहयोग करेंगे, जबकि डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के काम को निगरानी समिति देखेगी।पुनिया ने कहा कि हमें उम्मीद है कि समिति निष्पक्ष जांच करेगी। बजरंग पूनिया ने कहा कि वे कभी भी विरोध का रास्ता नहीं अपनाना चाहते थे, लेकिन सीमा रेखा लांघने तक उन्हें परेशान किया गया।

इस धरने में तीस से अधिक पहलवानों ने लिया था हिस्सा

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया कि बृज भूषण शरण सिंह ने सालों तक महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया है। धरने के पहले दिन बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के अलावा साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सरिता मोर, अंशू मलिक, सोनम मलिक, अमित धनकर और सुमित मलिक जैसे करीब 30 पहलवानों ने हिस्सा लिया था। घरना समाप्त होने के बाद सभी पहलवान रात में ही अपने-अपने घरों के लिए निकल दिये। अब सवाल उठता है कि क्या भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट का इंसाफ मिल पाएगा। यह तो अब आने वाला समय ही बताएंगा। मामला गंभीर है इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। ताकि हमारे देश की खिलाड़ी बेटियां सुरक्षित रह सके और वह बिना किसी मानसिक प्रताड़ना झेली बिना खेल जगत में भारत का नाम रोशन कर सकें।

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