उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण अंचलों में लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी गांव में गंदगी नहीं होनी चाहिए गांव के अंदर कूड़ा करकट आदि इकट्ठा नहीं होना चाहिए । जिले के जिलाधिकारी ने भी स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि किसी भी गांव में कहीं पर भी जलभराव तथा गंदगी नहीं होनी चाहिए यदि अगर किसी ग्राम पंचायत में जलभराव व गंदगी पाई गई तो उससे संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी । ऐसा ही एक मामला जलभराव व गंदगी से जुड़ा उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले के असमोली विकास खंड के गांव मढन का सामने आया है।

गांव मढन के ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को मजबूर

आपको बता दें कि ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान ब ग्राम सचिव पर जलभराव एवं साफ-सफाई ना करने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध क्या है।असमोली विकासखंड के गांव मढन की जनता नरकीय जीवन जीने को मजबूर है । खास बात यह है कि जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और ग्राम प्रधान से इसकी शिकायत की तो ग्राम प्रधान ने लगभग 4 महीने से इस और कोई ध्यान नहीं दिया है वही ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान से कई दफा इसकी शिकायत की जा चुकी है लेकिन सुनने के लिए तैयार नहीं है आखिरकार प्रतिवर्ष लाखों रुपए की तादाद में सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को पैसा दिया जाता है इस स्थिति में आखिरकार वह पैसा कहां जाता है इससे ऐसा प्रतीत होता है सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है ।

गंदगी के चलते संक्रामक बीमारियां पसार रही पैर

ऐसे में गांव में गंदी की और जलभराव के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि हमने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान सचिव व सफाई कर्मचारी से भी कई बार की है ,परंतु निस्तारण नहीं हुआ। वही ग्रामीणों का कहना है कि इस रास्ते से होकर हम मस्जिद में नमाज के लिए भी जाते हैं जिससे हमें निकलने में दिक्कत व परेशानी का सामना करना पड़ता है। हमारे कपड़ों पर गंदे पानी की चीजें आने की वजह से नमाज भी नहीं हो पाती है । जब इस संबंध में ग्राम प्रधान पति से बात की गई तो ग्राम पति ने जानकारी देते हुए बताया कि मैंने अभी 2 दिन पहले ही वहां की सफाई करवाई है।

जानकारी नहीं है की बात कहकर अधिकारी झाड़ रहे अपना पल्ला

ऐसा कुछ नहीं है और मेरे पास पूरी ग्राम पंचायत में एक सफाई कर्मचारी है वह कहां-कहां पर कार्य करेगा। ग्राम पंचायत बड़ी है इसलिए वह कार्य पूरा नहीं कर पा रहा उसके बाद इसकी जानकारी जब खंड विकास अधिकारी कमल कांत सिंह से की गई तो उन्होंने कहा मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। मुझे आप के माध्यम से जानकारी मिली है तो मैं इसको अभी देखो लेता हूं उन्होंने भी यह बात कह कर अपना पल्ला झाड़ दिया।

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