उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के राजघाट स्थित राप्ती नदी पर मगरमच्छ मिला है। वह श्रीरामघाट पर जलने वाले शवों को नोंच रहा था। परिजनों का अंतिम संस्कार और अस्थी विसर्जन करने गए लोगों को अचानक नजर मगरमच्छ पर पड़ी। मगरमच्छ काफी बड़ा था, जिसे देखते ही लोगों में हड़कंप मच गया। वह कई दिनों से नदी के किनारे घूम रहा था। निगरानी के लिए वन विभाग की टीम लगाई गई थी।

वहां मौजूद के लोगों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को रेस्क्यू किया। टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित ढंग से पकड़ कर राप्ती नदी में ही सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया। वन विभाग के मुताबिक, मगरमच्छ गहरे पानी से धूप का आनंद लेने बाहर निकला था। हालांकि, मगरमच्छ मिलने के बाद श्रीरामघाट पर स्नान आदि के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में पिछले कुछ दिनों से भय की स्थिति बनी हुई थी।

डीएमओ के अनुसार, एक हफ्ते से घूम रहा था मगरमच्छ

एहतियातन DFO विकास यादव के निर्देश पर यह कदम उठाया गया। DFO विकास यादव ने बताया, पिछले कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि राप्ती नदी के श्रीरामघाट पर मगरमच्छ दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों में भय का महौल था। सोमवार को मुख्यालय पर पोस्ट रेंजर ज्ञानेश्वर शुक्ला और वन दरोगा महेंद्र प्रताप सिंह ने निगरानी शुरू की।

मगरमच्छ धूप सेंकने बाहर निकला तो पकड़ा गया

उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि धूप निकलने के बाद मगरमच्छ नदी से बाहर निकल कर धूंप सेंक रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह सिलसिला पिछले 7 दिन से जारी है। उन्होंने DFO को रिपोर्ट किया। उनके निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंगलवार को नदी से बाहर निकले मगरमच्छ को पकड़ कर राप्ती नदी में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया। वहीं, वन विभाग के इस कदम की हेरिटेज फाउंडेशन के सदस्य मनीष चौबे और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अनिल कुमारी तिवारी ने सराहना की है। उन्होंने हर्ष जताया कि स्थानीय लोगों ने मगरमच्छ को क्षति नहीं पहुंचाया बल्कि वन विभाग को सूचित किया। सूचना देने वालों का अभिनंदन दूसरों को भी प्रेरित किया जाना चाहिए।

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