डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भदोही में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आइक्यूएसी), राष्ट्रीय सेवा योजना, नवाचार परिषद और रोवर्स रेंजर्स के संयुक्त तत्वाधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। प्राचार्य डॉक्टर मुरलीधर राम, आइक्यूएसी प्रभारी डॉक्टर गौतम गुप्ता, रेंजर्स प्रभारी डॉक्टर भावना सिंह, नवाचार परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार सिंह यादव, विज्ञान संकाय की डीन डॉ माया यादव, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ रुस्तम अली और डॉक्टर श्वेता सिंह सहित पूरे महाविद्यालय परिवार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन, संघर्ष और जीवन मूल्यों से परिचय कराया और बताया कि भारत की स्वतंत्रता में उनका योगदान अविस्मरणीय है। देश प्रेम की पराकाष्ठा, गहन ज्ञान, अविश्वसनीय बुद्धिमत्ता और तेजस्वी स्वरूप उन्हें अन्य लोगों से अलग बनाती है। अंग्रेजी हुकूमत की कैद से 1941 में देश से बाहर गए। आइक्यूएसी प्रभारी डॉक्टर गौतम गुप्ता ने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा नारे की शक्ति और प्रभाव से परिचित कराया तथा बताया कि महात्मा गांधी से उनके विचार मेल नहीं खाते थे फिर भी महात्मा गांधी ने उन्हें देशभक्तों का देशभक्त कहा।

नवाचार परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार सिंह यादव ने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित था। डॉक्टर माया यादव ने बताया कि जय हिंद, दिल्ली चलो जैसे नारों ने भारतीय जनमानस को झकझोर कर रख दिया था। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर रुस्तम अली और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर श्वेता सिंह ने दिया। इस अवसर पर डॉक्टर रणजीत सिंह, डॉक्टर अनीश कुमार मिश्र, बृजेश कुमार ने भी विचार व्यक्त किए और छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति गीत गायन और नाटक प्रस्तुत किए।

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