आजमगढ़ नगर के मुकेरीगंज की रहने वाली पूजा सोनकर ने नीट में चयनित होकर जनपद का नाम रोशन किया है। पूजा सोनकर के पिता हरीलाल सोनकर दोनों पैर से दिव्यांग थे लेकिन किसी तरह अपनी पत्नी धाना देवी के सहयोग से ठेले पर फल की दुकान लगाकर जीवनयापन करते थे। पूजा की मां शुरू से ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए संकल्परत रही।

पिता की मौत के बाद पूजा ने अपनी मां के सपनों को पूरा करने के लिए जी-तोड़ परिश्रम की और ऑन-लाइन क्लासेज, सोशल साइटों से मदद लेकर मेडिकल की शिक्षा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ा। इसके साथ ही राजेश सिंह, विशाल तिवारी, अजय यादव जैसे शिक्षक, सामाजिक व्यक्तियों ने पूजा के मार्गदर्शक बनकर सहयोग दिया।

पूजा ने अपने डाक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए इस बार नीट की प्रवेश परीक्षा दी
बताते चले कि पूजा सोनकर की प्राथमिक शिक्षा बिलरिया की चुंगी स्थित बाल गोपाल विद्या मंदिर से हुई। इसके बाद वे हाईस्कूल, इंटरमीडिए चिल्ड्रेन हायर सेकेंडरी स्कूल से उत्तीर्ण हुई और बीएससी की शिक्षा गंगा गौरी महाविद्यालय रौनापार से प्राप्त की।

पूजा ने अपने डाक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए इस बार नीट की प्रवेश परीक्षा दी, जिसमे उन्हें 114229वीं रैंक व 463 स्कोर प्राप्त हुआ है, मेडिकल की पढ़ाई के लिए पूजा सोनकर को पश्चिम बंगाल के हुगली जनपद स्थित प्रफुल्ल चन्द्र सेन सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीधे दाखिला मिल गया। इस बाबत पूजा सोनकर ने बताया कि माता श्रीमती धाना देवी भले ही शिक्षित न हो लेकिन उन्होंने लगातार मुझे डाक्टर बनने की प्रेरणाओं दी।

वह चिकित्सक बनकर गरीब जनता के स्वास्थ्य के लिए बेहतर कार्य करेगी
हजारों अभाव के बीच माँ के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की जिसके बाद मुझे यह परिणाम प्राप्त हुआ।  तमाम परिस्थितियों से जूझने के बाद चिकित्सक बनी पूजा का कहना हैं कि वह चिकित्सक बनकर गरीब जनता के स्वास्थ्य के लिए बेहतर कार्य करेगी। उन्होंने युवाओं से अपील किया कि वह अपनी प्रतिभा को उधर-उधर न लगाए बल्कि एक दिशा में परिश्रम करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।

अभिभावकों की मदद के बल पर ही मेरा और मेरी मां का सपना साकार हो सका
पूजा ने बताया कि राजेश सिंह, विशाल तिवारी, अजय यादव जैसे बहुत से नेक अभिभावकों की मदद के बल पर ही मेरा और मेरी मां का सपना साकार हो सका। बताते चले कि पूजा के पिता की मृत्यु 2020 में कोविड-19 के दौरान हो गई थी वहीं एनआईआईटी की परीक्षा के कुछ माह पूर्व ही उनके बहन का हाथ भी छूट गया था लेकिन सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों ने पूजा सोनकर के हौसलों के आगे पस्त होते रहे। पूजा के भाई मुसाफिर सोनकर व राजेश सोनकर भी फल का ठेला लगाकर सदर अस्पताल के पास जीविकोपार्जन करते है। पूजा और उनके परिवार के बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

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