प्रख्यात कथावाचक, ज्योतिषाचार्य, विद्वान पंडित हरिकृष्ण द्धिवेदी का 52 वर्ष की निधन हो गया है। इसकी जानकारी मिलते ही उनके भक्तों, संंतजनों में शोक की लहर दौड़ गई है। मिर्जापुर जनपद के खैरा गांव के निवासी ज्योतिषाचार्य, विद्वान पंडित हरिकृष्ण द्धिवेदी का प्रारंभ से ही धर्म-अध्यात्म के प्रति गहरा लगाव था। वह भदोही जनपद के ज्ञानपुर पीजी कॉलेज से एम.ए. अंग्रेजी एवं संस्कृत में शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात प्रयागराज के खरगपुर को अपना कर्मभूमि बना लिया था। महर्षि गार्गेय इंटरमीडिएट कॉलेज खरगपुर में बतौर अध्यापक संपूर्ण जीवन व्यतीत कर कथावाचक, ज्योतिषाचार्य के साथ-साथ प्रखांड विद्वान के रूप में इन्होंने अपनी ख्याति फैलाई हुई थी, जिनके चाहने वाले लोगों की संख्या हजारों में बताई जाती है।

धर्म, आध्यात्म में गहरा लगा होने के साथ-साथ लोगों की भलाई के लिए भी यह निरंतर सक्रिय रहे। यही कारण रहा है कि खरगपुर इनकी कर्मभूमी होने के साथ ही साथ इनके जीवन का एक महत्वपूर्ण कड़ी भी रहा है। जिनके ब्रह्मलीन होने की खबर मात्र से गृह गांव से लेकर कर्मभूमि के क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में फैले उनके अनुयायियों के साथ ही देश के अन्य राज्यों से भी इनके भक्तों के आने का सिलसिला अनवर जारी है।

गौरतलब हो कि पंडित हरिकृष्ण महाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गरुण पांडे के ससुर थे। ज्योतिषाचार्य, विद्वान पंडित हरिकृष्ण द्धिवेदी एक संपन्न परिवार से होने के बाद भी समाज के दिन हिन, गरीबों की सेवा करने के साथ-साथ समाज को सद्मार्ग की राह पर ले चलने के लिए अपने जीवन के अंतिम क्षण तक समर्पित रहे। यही कारण रहा है कि उनके ब्रह्मलीन होने की खबर मात्र से उनके चाहने वाले लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है।

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