साल 2022 जा रहा है ऐसे में साल में राजनैतिक क्षेत्र में किसका काम बेहतर रहा है। इसका भी आंकलन लोग अपने-अपने तरीके से शुरू कर दिये है। इसी के तहत हम आपको उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए साल 2022 कैसा रहा है। इसके बारे में बताने जा रहे है। राजनीतिक जानकारों की माने तो योगी आदित्यनाथ के लिए यह साल काफी समृद्धशाली रहा है। एक तरफ जहां तीन दशक से अधिक समय के बाद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री बने, जिन्हें दोबारा सत्ता पाने का गौरव मिला तो वहीं रामपुर विधानसभा क्षेत्र के इतिहास में आजादी के बाद पहली बार योगी के नेतृत्व में कमल रामपुर में खिला। यह योगी और भाजपा के लिए बड़ी सफलता रही। जिसकी चर्चा देशभर में रही। ठीक इसी प्रकार से आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा क्षेत्र में भी योगी आदित्यनाथ ने सपा परिवार व खास की राजनीति पर विराम लगा दिया। यहां सपा के खास हार गए और योगी ने भाजपा के ‘आम’ को ही चुनाव जिताकर खास बना दिया। यही नहीं, मोदी मैजिक के बावजूद गुजरात में भाजपा तीन बार से वांकानेर की सीट हार रही थी। यह सीट कांग्रेस का गढ़ बनी थी पर योगी आदित्यनाथ ने वहां इस बार प्रचार का श्रीगणेश कर हार की हैट्रिक को जीत में बदल दिया।

2022 में पहली बार योगी के नेतृत्व में रामपुर में पहली बार खिला कमल

रामपुर व आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव भी योगी के कुशल प्रशासनिक नेतृत्व का ही असर रहा कि 2022 में यहां खास की राजनीति पर विराम लग गया। रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने बड़ा उलटफेर कर दिया। आजम खां के गढ़ में बीजेपी के घनश्याम ने समाजवादी पार्टी के आसिम राजा को बड़े अंतर से शिकस्त देकर भगवा लहरा दिया है।घनश्याम सिंह लोधी ने 367397 वोट (51.96 फीसदी) पाकर यह सीट सपा से छीन ली। वहीं सपा को 325205 वोट (46 फीसदी) ही मिले। पोस्टल बैलेट में भी भाजपा ने सपा को शिकस्त दी। भाजपा को पोस्टल से 293 और सपा को महज 149 वोट ही मिले। योगी ने पहले यहां विकास कराया, फिर जनता के पास गए। यही नहीं, जब घनश्याम सिंह लोधी चुनाव जीत गए, तब भी योगी आदित्यनाथ मुखिया का फर्ज निभाते हुए यहां के लोगों का आभार जताने पहुंचे। इस मौके पर भी उन्होंने विकास कार्यों की गंगा बहाई। राजनीतिक विश्लेषकों को 8 दिसंबर 2022 कतई नहीं भूल सकता। जब योगी आदित्यनाथ के सुरक्षा, समृद्धि और सुशासन के बनाए संगम पर रामपुर ने भी अपनी मुहर लगा दी और आजाद भारत में पहली बार रामपुर विधानसभा सीट से कमल को ‘आकाश’ पर पहुंचा दिया। 8 दिसंबर को यहां पर माफिया के आतंक का समूल खात्मा हो गया और योगी के कुशल नेतृत्व में पहली बार साइकिल को पंचर कर आकाश सक्सेना कमल खिलाने में सफल रहे। लगभग 10 बार के विधायक रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां का किला योगी आदित्यनाथ ने ढहा दिया। भाजपा के प्रत्याशी 81432 वोट हासिल कर जीतने में सफल रहे। आकाश को यहां 62.06 फीसदी वोट मिला। वहीं सपा का गढ़ रही इस सीट पर उपचुनाव में उनका प्रत्य़ाशी महज 47296 वोट (36.05 फीसदी) पर ही सिमट गया।

आजमगढ़ में भी सपा के परिवार पर योगी का कार्यकर्ता पड़ा भारी

जून 2022 में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भी सपा की साइकिल को योगी आदित्यनाथ ने पंक्चर कर दिया। यह भी भारतीय जनता पार्टी की बड़ी सफलता रही। समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में यहां से परिवारिक सदस्य धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा तो भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ता पर भरोसा जताया और भोजपुरी गायक/नायक दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ पर दांव लगाया। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने भाई धर्मेंद्र यादव को रण की भूमि में छोड़ दिया तो योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के ‘निरहुआ’ का हाथ थामे रखा और उन्हें जीत दिलाकर दिल्ली भेज दिया। इसके पीछे भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा हाथ रहा। जिसकी वजह से भाजपा ने आजमगढ़ सीट पर फतह पाई।

गुजरात में योगी ने जहां से किया था प्रचार का श्रीगणेश, वहां जीत में बदली तीन बार की हार

2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव का प्रचार योगी आदित्यनाथ ने वांकानेर विधानसभा सीट से की थी। यह सीट कांग्रेस का गढ़ थी। 15 साल से अनवरत कांग्रेस के मोहम्मद जावेद पीरजादा यहां से जीत दर्ज कर रहे थे। भाजपा की प्रतिष्ठा बनी मोरबी जिले की इस सीट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने चुनावी अभियान का श्रीगणेश कर जीतेंद्र भाई सोमानी के पक्ष में वोट डालने की अपील की। योगी का प्रभाव मतदाताओं पर इस कदर पड़ा कि तीन बार से जीत रही कांग्रेस ने 2022 चुनाव में यह सीट गंवा दी और भाजपा ने जीत हासिल की।

यह वर्ष राजनीतिक रूप से योगी आदित्यनाथ की समृद्धि में चार चांद लगा गया

आपको बता दें कि यहां यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि यह वर्ष राजनीतिक रूप से योगी आदित्यनाथ की समृद्धि में चार चांद लगा गया। यह तो सिर्फ केवल राजनीति के क्षेत्र की बात हुई। इसी प्रकार से योगी आदित्यनाथ के दूसरा कार्यकाल अभी तक सफल रहा है। क्योंकि लगातार उत्तर प्रदेश का विकास कार्य करते जा रहे है। महिलाओं की सुरक्षा पर सीएम योगी का खास फोकस अभी तक रहा है। इसी प्रकार से यूपी के धार्मिक क्षेत्रों का लगातार कायाकल्प करते जा रहे है। ताकि यूपी की पहचान देश और विदेश तक हो और वहां से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पर घूमने के लिए आये। कुल मिलाकर अभी तक योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल सफल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *