फर्रुखाबाद में कड़ाके की ठंड में मानदेय का समय से भुगतान न किए जाने के विरोध में दर्जनों आशाओं ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ गई। इसके बाद जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सीएमओ कार्यालय को सौंपा । उन्होंने कहा कि जनपद भर की आशा कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं से शासन की तमाम स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनाओं का जिसमे बच्चों का टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण, पोलियो, फाइलेरिया, खसरा, बूस्टर, पीपीआईसीडी, नसबन्दी आयुष्मान जैसे आदि कार्य कराए जाते हैं। कार्य कराने के उपरान्त हम लोगों के अधीनस्थ अधिकारी समय से मानदेय नहीं दे रहे हैं। कई महीनों का मानदेय शेष है जो हम लोगों को नहीं दिया गया है ।
मानदेय समय से नहीं मिलने से परिवार का नहीं कर पा रही भरणपोषण
आशाओं ने अधिकारियों से 18000 रुपये प्रतिमाह मानदेय की मांग करते हुए अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक के बकाया भुगतान कराये जाने की मांग की तो नौकरी से निकाल देने की धमकी देते हैं और कहते हैं कि आप सब को यह बेगार तो करनी पड़ेगी। मानदेय समय से न मिल पाने के कारण अपने बच्चों और परिवार का भरणपोषण सही रूप से नहीं कर पाती हूं। शासन द्वारा निर्धारित कार्य समय से पूर्ण कर लेते हैं । इसके बावजूद भी हमारे अधीनस्थ अधिकारी अन्य क्षेत्रों में जाकर कार्य करने के लिए दबाव बनाते हैं और कार्य योजना के सम्बन्ध में कोई आदेश लिखित रूप से नहीं देते है केवल मौखिक रूप से बोल देते हैं।आशा पर एन्ड्रायड फोन रखने के लिए दबाव बनाते हैं जबकि आशाओं की इतनी आय नहीं है कि एन्ड्रायड फोन ले सके।
आशाओं ने कहा, कई बार शिकायत करने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के उत्पीड़न से परेशान हो चुकी है और इससे पूर्व भी अपनी मांगों के सम्बन्ध में कई पत्र दिए जा चुके है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि दिसंबर से पूर्व दिए गए पत्रों पर भी कोई विचार नही किया गया । इसलिए हम लोग धरना दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि बकाया भुगतान कराये जाने और हम लोगों को राज्य कर्मचारी का दर्जा प्रदान किये जाने साथ ही मानदेय 18000 प्रति माह किये जाने के साथ ही समय से भुगतान किये जाने की कार्यवाही करने की मांग की है ताकि सभी अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।